
18 जुलाई 2025 को, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी का दौरा किया। यह दौरा बिहार के विकास के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय बन गया, क्योंकि इस अवसर पर उन्होंने 7,217 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह उनका 53वां बिहार दौरा था, जो केंद्र सरकार की बिहार के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और विकास के प्रति संकल्प को दर्शाता है। मोतिहारी, जो कभी महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के लिए जाना जाता था, इस दिन एक बार फिर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में छा गया। प्रधानमंत्री के इस दौरे ने न केवल बिहार की जनता में उत्साह का संचार किया, बल्कि विकास के नए द्वार भी खोले।
भव्य स्वागत और रोड शो का उत्साह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मोतिहारी में आगमन एक भव्य और उत्साहपूर्ण स्वागत के साथ हुआ। हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद, उन्होंने खुली जीप में सवार होकर गांधी मैदान की ओर रोड शो किया। उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। रास्ते में हजारों की संख्या में एकत्रित लोग “मोदी-मोदी”, “भारत माता की जय”, और “जय श्री राम” के नारों के साथ उनका स्वागत कर रहे थे। सड़कों के दोनों ओर खड़े लोग फूलों की मालाएं, तिरंगे, और बैनर लिए हुए थे, जो उनकी लोकप्रियता और जनता के प्रेम का प्रतीक था।
रोड शो के दौरान एक विशेष क्षण तब आया, जब एक युवा कलाकार द्वारा बनाई गई अयोध्या के राम मंदिर की खूबसूरत कलाकृति ने प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने इसकी प्रशंसा की और उस युवा को पत्र लिखने का वादा किया। यह छोटा-सा क्षण न केवल उस कलाकार के लिए, बल्कि वहां मौजूद हर व्यक्ति के लिए एक यादगार पल बन गया। यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री न केवल बड़े विकास कार्यों पर ध्यान देते हैं, बल्कि जनता के छोटे-छोटे प्रयासों को भी महत्व देते हैं।
विकास परियोजनाओं की सौगात
मोतिहारी के गांधी मैदान में आयोजित विशाल जनसभा में, प्रधानमंत्री ने 7,217 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में रेलवे, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र शामिल थे। विशेष रूप से, चार नई अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई, जो बिहार को बेहतर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। इनमें शामिल हैं:
राजेंद्र नगर टर्मिनल (पटना) – नई दिल्ली: यह ट्रेन बिहार की राजधानी को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ेगी।
बापूधाम मोतिहारी – दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल): यह ट्रेन मोतिहारी के लोगों को दिल्ली तक आसान पहुंच प्रदान करेगी।
दरभंगा – लखनऊ (गोमती नगर): यह ट्रेन मिथिलांचल को उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर से जोड़ेगी।
मालदा टाउन – लखनऊ (भागलपुर के रास्ते): यह ट्रेन बिहार के पूर्वी हिस्सों को बेहतर कनेक्टिविटी देगी।
इनके अलावा, रेलवे लाइनों के दोहरीकरण, सिग्नलिंग सिस्टम के उन्नयन, और स्टेशनों के आधुनिकीकरण से संबंधित परियोजनाएं भी शुरू की गईं। सड़क परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार और ग्रामीण सड़कों का निर्माण शामिल था, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, मोतिहारी में एक सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना की गई, जो युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

पीएम आवास योजना: गरीबों के लिए सम्मान का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पीएम आवास योजना को बिहार के विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देशभर में 4 करोड़ से अधिक गरीबों के लिए पक्के मकान बनाए गए हैं, जिनमें से बिहार में 60 लाख घर शामिल हैं। मोतिहारी जिले में ही लगभग 3 लाख परिवारों को पक्के मकान मिले हैं। इस अवसर पर, उन्होंने 12,000 लाभार्थियों को गृह प्रवेश के लिए चाबियां सौंपी और 40,000 लाभार्थियों को 160 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह योजना गरीबों को न केवल छत प्रदान करती है, बल्कि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी देती है।
प्रधानमंत्री ने एक लाभार्थी के उदाहरण का जिक्र किया, जिसने अपने पक्के मकान में पूजा स्थल बनाया और उसे अपने परिवार का गौरव बताया। यह कहानी बिहार के लाखों परिवारों की आकांक्षाओं को दर्शाती है, जो अब अपने सपनों का घर पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
बिहार का विकास: मोतिहारी को मुंबई बनाने का सपना
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बिहार को एक विकसित राज्य बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा, “हमारा सपना है कि मोतिहारी को पूर्वी भारत में वही पहचान मिले, जो पश्चिमी भारत में मुंबई को है। जैसे गुरुग्राम में अवसर हैं, वैसे ही गया में भी होने चाहिए। जैसे पुणे में औद्योगिक विकास है, वैसे ही पटना में भी होना चाहिए।” यह विजन बिहार को आर्थिक, औद्योगिक, और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक स्पष्ट रोडमैप प्रस्तुत करता है।
उन्होंने बिहार में एनडीए सरकार के कार्यों की सराहना की और कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिहार के हितों के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बिहार में बिजली, सड़क, और इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाएं पहले की तुलना में कहीं बेहतर हो चुकी हैं।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
मोतिहारी दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री ने स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी महाराज से मुलाकात की। स्वामी जी ने उनकी नेतृत्व शैली की प्रशंसा की और उन्हें “विश्व गुरु” बनने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि मोदी के विचार भगवान राम के मूल्यों को दर्शाते हैं। इस मुलाकात ने प्रधानमंत्री के आध्यात्मिक पक्ष को उजागर किया और उनकी राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
विपक्ष पर तीखा प्रहार
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने उन पर निशाना साधा था। उन्होंने 2014-15 में किए गए चीनी मिल को पुनर्जनन के वादे को लेकर सवाल उठाए। जवाब में, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के शासनकाल में बिहार “जंगल राज” की ओर बढ़ा था। उन्होंने कहा, “जब बिहार में लालटेन युग था, तब लोग अंधेरे में डूबे थे। आज बिहार में बिजली, सड़क, और इंटरनेट की सुविधाएं हैं, क्योंकि एनडीए सरकार ने विकास को प्राथमिकता दी।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
प्रधानमंत्री का यह दौरा न केवल विकास परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी अहम था। मोतिहारी, जो कभी केवल चंपारण सत्याग्रह के लिए जाना जाता था, अब आधुनिक भारत के विकास का प्रतीक बन रहा है। नई ट्रेनों, सड़कों, और तकनीकी परियोजनाओं से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

