बिहार में 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली: नीतीश सरकार की बड़ी घोषणा

पटना, 26 जुलाई 2025: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के 1.67 करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा की है। 1 अगस्त 2025 से, बिहार में हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त प्रदान की जाएगी। यह निर्णय जुलाई के बिजली बिल से लागू होगा और इसका उद्देश्य आम लोगों को आर्थिक राहत देना और बिजली तक पहुंच को और सुलभ बनाना है।

योजना का विवरण

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा, “हम शुरू से ही सभी को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराते रहे हैं। अब हमने फैसला किया है कि 1 अगस्त 2025 से, यानी जुलाई के बिल से ही, राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली के लिए कोई भुगतान नहीं करना होगा।” यह योजना बिहार के 1.86 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 90% को लाभ पहुंचाएगी।

यदि कोई उपभोक्ता 125 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करता है, तो केवल अतिरिक्त यूनिट्स पर ही सामान्य दर से शुल्क लिया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई 200 यूनिट बिजली खपत करता है, तो 125 यूनिट मुफ्त होंगी और शेष 75 यूनिट पर सब्सिडी दर के साथ बिल बनाया जाएगा।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा

इस योजना के साथ-साथ, नीतीश सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की भी योजना बनाई है। अगले तीन वर्षों में, उपभोक्ताओं की सहमति से उनके घरों की छतों या नजदीकी सार्वजनिक स्थानों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। कुटीर ज्योति योजना के तहत अत्यंत गरीब परिवारों के लिए सौर पैनल लगाने का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। अन्य उपभोक्ताओं को भी इसकी स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में बिहार में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करना है।

आर्थिक प्रभाव और सब्सिडी

इस मुफ्त बिजली योजना से राज्य के खजाने पर लगभग 3,797 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) इस सब्सिडी की लागत वहन करेगी। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जो वित्त मंत्रालय भी संभालते हैं, ने कहा, “यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है। कुल मिलाकर, राज्य सरकार बिजली सब्सिडी पर 19,370 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस घोषणा को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने ऐतिहासिक कदम बताया है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “यह कदम बिहार के सामाजिक परिवर्तन में एक और मील का पत्थर साबित होगा। नीतीश कुमार ने गांवों में बिजली की उपलब्धता को 700 मेगावाट से बढ़ाकर 8,500 मेगावाट तक पहुंचाया है।”

हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने दावा किया कि यह योजना उनके नेता तेजस्वी यादव की 200 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा के दबाव में लाई गई है। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी नेता के कारण सरकार को झुकना पड़ा।”

विवाद और आलोचना

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने इस योजना पर तंज कसते हुए कहा, “बिहार में बिजली मुफ्त है, लेकिन बिजली तभी मुफ्त होगी जब वह आएगी। न बिजली आएगी, न बिल आएगा।” इस बयान पर जदयू ने पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में 22 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति होती है और यह टिप्पणी वास्तविकता से परे है।

उपभोक्ताओं के लिए जानकारी

लाभार्थी: सभी घरेलू उपभोक्ता, चाहे वे किसी भी वर्ग से हों। आवेदन प्रक्रिया: इस योजना के लिए अलग से आवेदन की आवश्यकता नहीं है। बिजली प्रदाता (NBPDCL या SBPDCL) स्वचालित रूप से इसे लागू करेंगे। स्मार्ट प्रीपेड मीटर: 1 अगस्त से स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बदलाव किया जाएगा, ताकि 125 यूनिट तक बिजली कट न हो।

निष्कर्ष

यह योजना बिहार के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, खासकर उन परिवारों के लिए जो कम बिजली खपत करते हैं। साथ ही, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर सरकार पर्यावरण के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले इस घोषणा को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। यह योजना कितनी प्रभावी होगी, यह आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा।

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