UPI PAYMENT: 1 अगस्त 2025 से लागू नए नियम

By: Subodh Shah

On: Sunday, August 3, 2025 1:29 PM

UPI PAYMENT: 1 अगस्त 2025 से लागू नए नियम

यूपीआई भुगतान: 1 अगस्त 2025 से लागू नए नियम

भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली ने 1 अगस्त 2025 से नए नियम लागू किए हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा शुरू किए गए ये बदलाव फोनपे, गूगल पे, पेटीएम जैसे सभी यूपीआई ऐप्स पर लागू हैं। इनका उद्देश्य सिस्टम की दक्षता बढ़ाना, सर्वर लोड कम करना और सुरक्षा को मजबूत करना है। आइए, इन नए नियमों को विस्तार से समझते हैं।

1. बैलेंस चेक की सीमा:

अब उपयोगकर्ता किसी भी यूपीआई ऐप पर एक दिन में अधिकतम 50 बार अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकते हैं। इस सीमा को पार करने पर अगले 24 घंटे तक उसी ऐप पर बैलेंस चेक करना संभव नहीं होगा। हालांकि, हर सफल लेनदेन के बाद बैलेंस स्वचालित रूप से प्रदर्शित होगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को सुविधा मिलेगी। यह नियम सर्वर पर अनावश्यक दबाव को कम करने के लिए बनाया गया है।

2. ऑटोपे समय प्रतिबंध:

नियमित भुगतान जैसे ईएमआई, ओटीटी सब्सक्रिप्शन, या यूटिलिटी बिल अब केवल गैर-पीक समय—सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 से 5 बजे के बीच, या रात 9:30 बजे के बाद—प्रोसेस होंगे। पीक समय (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 5 से 9:30 बजे) में ऑटोपे लेनदेन प्रतिबंधित हैं, ताकि सिस्टम की भीड़ कम हो। प्रत्येक ऑटोपे मैंडेट में एक प्रयास और अधिकतम तीन रिट्री की अनुमति है।

3. लेनदेन स्थिति जांच:

लंबित लेनदेन की स्थिति की जांच अब केवल तीन बार की जा सकती है, जिसमें प्रत्येक प्रयास के बीच 90 सेकंड का अंतर अनिवार्य है। यह नियम सर्वर पर बार-बार अनुरोधों को रोकने के लिए है। लेनदेन की अंतिम स्थिति (सफल या असफल) कुछ सेकंड में दिखाई देगी।

4. लिंक्ड खाता सत्यापन:

मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों को देखने की सीमा 25 बार प्रतिदिन प्रति ऐप है, और इसके लिए उपयोगकर्ता की स्पष्ट सहमति जरूरी है। यह सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया गया है।

5. प्राप्तकर्ता का नाम प्रदर्शन:

धोखाधड़ी और गलतियों को कम करने के लिए, भुगतान से पहले प्राप्तकर्ता का पंजीकृत बैंक नाम दिखाया जाएगा। यह नियम जून 2025 से लागू था और अब भी जारी है।

6. लेनदेन सीमा में कोई बदलाव नहीं:

यूपीआई की दैनिक लेनदेन सीमा ₹1 लाख और अधिकतम 20 लेनदेन प्रति दिन बनी हुई है। स्वास्थ्य या शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ₹5 लाख तक की सीमा है। नए उपयोगकर्ताओं के लिए पहले 24 घंटे में प्रति लेनदेन ₹5,000 की सीमा लागू है।

7. व्यापारियों के लिए इंटरचेंज शुल्क:

₹2,000 से अधिक के यूपीआई भुगतान, जो प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (जैसे वॉलेट) से किए जाते हैं, पर व्यापारियों को 0.5% से 1.1% तक इंटरचेंज शुल्क देना होगा। ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

ये नियम डिजिटल भुगतान को और सुरक्षित, तेज, और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक कदम हैं। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे इन बदलावों को समझें और अपने लेनदेन को तदनुसार प्रबंधित करें।

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Subodh Shah

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