Indira Ekadashi Katha: इंदिरा एकादशी व्रत से पाएं जीवन में सुख-समृद्धि
कुछ दिन ऐसे होते हैं, जब आध्यात्मिक ऊर्जा अपने चरम पर होती है और साधक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। इंदिरा एकादशी ऐसा ही पावन अवसर है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की यह एकादशी भक्तों के लिए बेहद महत्व रखती है।
इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी दुखों और नकारात्मकताओं का नाश होता है।

Indira Ekadashi Vrat Story
सतयुग में माहिष्मती में राजा इंद्रसेन राज्य करते थे। वे अपने प्रजा के प्रति दयालु और भगवान विष्णु के परम भक्त थे। एक दिन देवर्षि नारद उनके दरबार में आए और कहा कि उनके पिता यमलोक में व्रतभंग के कारण दुख भोग रहे हैं। नारद जी ने संदेश दिया कि आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत करने से उनके पिता को स्वर्गलोक की प्राप्ति होगी।
राजा इंद्रसेन ने विधिपूर्वक इंदिरा एकादशी व्रत किया। उन्होंने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की और गौदान किया। इस व्रत के फलस्वरूप उनके पिता को यमलोक की पीड़ा से मुक्ति मिली और वे बैकुंठलोक में स्थान पाए। यही कारण है कि इस एकादशी का नाम इंदिरा एकादशी पड़ा।
Indira Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat
इस वर्ष इंदिरा एकादशी व्रत 17 सितंबर 2025 को किया जा रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार तिथि की शुरुआत रात 12 बजकर 21 मिनट पर होगी और समाप्ति रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगी। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ व्रत कथा का पाठ करना बेहद फलदायक माना गया है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन उपासना और दान-पुण्य करने से सभी पापों का नाश होता है। पूर्वजों के तर्पण से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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Spiritual Importance of Indira Ekadashi
इंदिरा एकादशी केवल व्रत का नाम नहीं है। यह एक अवसर है अपने मन और आत्मा को शुद्ध करने का। इस दिन कथा का पाठ और पूजा-अर्चना करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि व्यक्ति की मानसिक शांति और जीवन में संतुलन भी बढ़ता है। हर क्रिया, चाहे वह दान हो या पूजा, भगवान की भक्ति और श्रद्धा को बढ़ाती है और जीवन को सकारात्मक दिशा देती है।
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Indira Ekadashi Benefits
इंदिरा एकादशी व्रत से साधक को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है। साथ ही, पितृ तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार में सौहार्द और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
Indira Ekadashi हमारे जीवन में आध्यात्मिक जागरूकता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इस पावन दिन व्रत, कथा और पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और भगवान विष्णु की विशेष कृपा आती है। इस दिन का पाठ हर व्यक्ति के लिए आध्यात्मिक लाभ और मानसिक शांति का स्रोत बन सकता है।
डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न ज्योतिष, पंचांग और धार्मिक स्रोतों पर आधारित है। यह केवल सामान्य सूचना के लिए प्रस्तुत किया गया है। इसे अंतिम सत्य या दावा न मानें और व्यक्तिगत विवेक का उपयोग करें।