Assam lost Zubeen Garg: असम का बेटा जिसने पूरे भारत को आवाज़ दी
संगीत केवल सुरों का संगम नहीं होता, यह दिल की धड़कनों और आत्मा की गहराइयों को छूने वाला अनुभव होता है। इसी अनुभव को अपनी आवाज़ से अनगिनत लोगों तक पहुँचाने वाले महान कलाकार ज़ुबिन गर्ग आज हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान उनकी अचानक मृत्यु ने पूरे भारत को गहरे सदमे में डाल दिया। असम ही नहीं, बल्कि पूरा देश आज शोक में डूबा हुआ है।
Assam lost Zubeen Garg: एक बहुमुखी प्रतिभा का जाना

ज़ुबिन गर्ग सिर्फ़ एक गायक नहीं थे, बल्कि एक संस्था थे। उन्होंने अपने करियर में 40 से अधिक भाषाओं में गाया, जिनमें असमिया, हिंदी, बंगाली और नेपाली प्रमुख थीं। उनकी आवाज़ का जादू हर भाषा में लोगों के दिलों तक सीधे पहुँचता था।
असम में उन्हें प्यार से ‘लुइतकोंठो’ यानी लुइत नदी की आवाज़ और ‘असम का दिल की धड़कन’ कहा जाता था। वे सिर्फ़ गायक ही नहीं, बल्कि संगीतकार, गीतकार और अभिनेता भी थे। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें लोगों के दिलों में अमर बना दिया।
Assam lost Zubeen Garg: मुख्यमंत्री की भावुक श्रद्धांजलि
ज़ुबिन की असम में लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उन्हें “असम का प्रिय पुत्र” कहा। श्रद्धांजलि देते हुए सरमा ने लिखा—“आज असम ने अपने सबसे प्यारे बेटे को खो दिया है। यह उम्र उनके जाने की नहीं थी।” उन्होंने ज़ुबिन को असम का रॉकस्टार बताते हुए कहा कि उनकी आवाज़ में ऊर्जा भरने और लोगों को जोड़ने की अद्भुत ताकत थी।
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Assam lost Zubeen Garg: संस्कृति के सच्चे राजदूत
ज़ुबिन गर्ग केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि असम और उत्तर-पूर्व भारत की संस्कृति के राजदूत भी थे। उनकी उपस्थिति से हर मंच रोशन हो जाता था। सिंगापुर में वे North East India Festival में प्रस्तुति देने वाले थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था। उनकी असम और देश के प्रति निष्ठा ने उन्हें केवल कलाकार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक बना दिया।
Assam lost Zubeen Garg: संगीत की अमर विरासत
ज़ुबिन गर्ग भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संगीत और उनकी धुनें हमेशा जीवित रहेंगी। उन्होंने जो गीत गाए, वे आज भी असम और पूरे भारत की आत्मा में गूंजते हैं। आने वाली पीढ़ियाँ उनके गीतों को सुनकर प्रेरित होंगी और नए कलाकार उनके काम से सीख लेंगे। उनका जाना एक ऐसी रिक्तता छोड़ गया है, जिसे भर पाना असंभव है।
आज ज़ुबिन गर्ग को याद करते हुए केवल एक ही बात दिल में आती है—वह न सिर्फ़ असम के, बल्कि पूरे देश के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे। उनकी आवाज़, उनका संगीत और उनकी मोहब्बत आने वाले समय तक हमें प्रेरणा देती रहेगी।

Assam lost Zubeen Garg:
Assam lost Zubeen Garg: प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: ज़ुबिन गर्ग का निधन कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: ज़ुबिन गर्ग का निधन शुक्रवार को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ।
प्रश्न 2: ज़ुबिन गर्ग कितनी भाषाओं में गाते थे?
उत्तर: उन्होंने 40 से अधिक भाषाओं में गीत गाए, जिनमें असमिया, हिंदी, बंगाली और नेपाली प्रमुख थीं।
प्रश्न 3: असम में ज़ुबिन गर्ग को किस नाम से जाना जाता था?
उत्तर: उन्हें ‘लुइतकोंठो’ (लुइत नदी की आवाज़) और ‘असम का दिल की धड़कन’ कहा जाता था।
प्रश्न 4: ज़ुबिन गर्ग के निधन पर मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
उत्तर: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा—“आज असम ने अपना प्रिय पुत्र खो दिया है। उनकी आवाज़ में लोगों को ऊर्जा देने की अद्भुत शक्ति थी।”
प्रश्न 5: ज़ुबिन गर्ग का संगीत आने वाली पीढ़ियों के लिए क्यों खास रहेगा?
उत्तर: उनकी आवाज़ और रचनाएँ लोगों की आत्मा को छूती हैं। उनकी धुनें और गीत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल श्रद्धांजलि देने और सार्वजनिक जानकारी साझा करने के उद्देश्य से लिखा गया है।