Navratri Day 5 2025 गाइड: स्कंदमाता, हरा रंग और भोग
नवरात्रि का त्योहार हमारे जीवन में नई ऊर्जा, आशा और आध्यात्मिक खुशी लेकर आता है। यह नौ दिवसीय पर्व न केवल देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का प्रतीक है, बल्कि हमारे मन और परिवार में संतुलन, शांति और सकारात्मकता लाने का माध्यम भी है।
हर दिन का अपना रंग होता है, जो उस दिन की ऊर्जा और देवी के गुणों को दर्शाता है। Navratri Day 5 का रंग हरा है और यह माँ स्कंदमाता की कृपा और पोषण की शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
माँ स्कंदमाता: दैवी पोषण करने वाली माता
माँ स्कंदमाता को कमल के फूल पर विराजमान दिखाया जाता है, और उनके कलेजे पर अपने पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) को लिए हुए देखा जाता है। उनका रूप शांति, साहस और प्रेम का अद्भुत संगम है। उन्हें परिवार में सुख-शांति और ज्ञान देने वाली देवी माना जाता है। माँ स्कंदमाता हमें यह सिखाती हैं कि कोमलता में भी शक्ति छिपी होती है और स्नेह का मार्ग दिलों में वीरता और संतुलन पैदा कर सकता है।
पाँचवे दिन का रंग: हरा

इस नवरात्रि 2025 में पाँचवे दिन का रंग हरा है। हरा रंग जीवन में वृद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना न केवल परंपरा का पालन है बल्कि यह आपके मन में सुकून और घर में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है। हरे रंग का पहनावा माँ स्कंदमाता की nurturing energy को प्रकट करता है और आपके हर कदम में संतुलन और समरसता लाता है।
स्कंदमाता के लिए भोग: केला और खीर
माँ स्कंदमाता को दिन 5 पर केला अर्पित करना परंपरा है। इसके साथ साधारण खीर अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। भोग का अर्थ है देवी को प्रसन्न करना और उनके आशीर्वाद से परिवार में स्वास्थ्य, सुख और प्रेम बनाए रखना। यह सरल भोग हमें मातृत्व, पोषण और जीवन में संतुलन का महत्व याद दिलाता है।
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स्कंदमाता मंत्र: ॐ देवी स्कंदमातायै नमः
माँ स्कंदमाता का शक्तिशाली मंत्र है: “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः”। श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका जाप करने से माँ की सुरक्षा, साहस और शांतिपूर्ण ऊर्जा मिलती है। यह मंत्र हमें याद दिलाता है कि प्रेम और ममता ही जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है।
स्कंदमाता की कथा
माँ स्कंदमाता अपने पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) को पाली, जो ब्रह्मांड में धर्म और न्याय की रक्षा करने वाले महान सेनापति बने। यह कथा हमें यह सिखाती है कि कोमलता और मातृत्व में छिपी शक्ति सबसे बड़ी वीरता का आधार बन सकती है। स्नेह और देखभाल जीवन में ढाल और प्रेरणा दोनों बन सकती है।
इस नवरात्रि पाँचवे दिन हरा रंग पहनें, भोग में केला और खीर अर्पित करें और माँ स्कंदमाता का मंत्र जाप करके अपने जीवन में शांति, साहस और परिवार में समृद्धि लाएँ।

Navratri Day 5 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Q&A)
Q1: नवरात्रि के पाँचवे दिन कौन सी देवी की पूजा होती है?
A: पाँचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा होती है। उन्हें अपने पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) के साथ दर्शाया जाता है और वे ज्ञान, शांति और परिवार की समृद्धि प्रदान करती हैं।
Q2: Navratri Day 5 2025 का रंग क्या है?
A: इस नवरात्रि 2025 में पाँचवे दिन का रंग हरा है। हरा रंग समृद्धि, संतुलन और विकास का प्रतीक है।
Q3: माँ स्कंदमाता को भोग में क्या अर्पित किया जाता है?
A: Navratri Day 5 पर माँ स्कंदमाता को केला अर्पित करना शुभ माना जाता है। कई घरों में साधारण खीर भी भोग में दी जाती है।
Q4: स्कंदमाता का मंत्र क्या है और इसका जाप कैसे करें?
A: माँ स्कंदमाता का शक्तिशाली मंत्र है: “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः”। इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से दिन में किसी भी समय जाप किया जा सकता है।
Disclaimer:
यह लेख धार्मिक और आध्यात्मिक जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और परंपराओं से ली गई है। इसका उद्देश्य केवल नवरात्रि के अवसर पर पूजा और भक्ति के लिए प्रेरणा देना है।