बिहार की धरती पर इतिहास फिर से लिखा गया है। इस बार मैदान में बल्ले और गेंद की गूंज नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के सपनों की पूर्ति की आवाज़ सुनाई दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को नालंदा जिले के Rajgir Stadium में बने भव्य अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और इसके आधुनिक पवेलियन का उद्घाटन किया। यह सिर्फ एक स्टेडियम का उद्घाटन नहीं, बल्कि बिहार में खेल संस्कृति के पुनर्जागरण की शुरुआत थी।
राजगीर की शांत वादियों में बसा Rajgir Stadium अब उस गौरव का प्रतीक बन गया है, जो हर युवा खिलाड़ी को अपनी मेहनत पर गर्व करना सिखाता है। उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत खिलाड़ियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ किया, और उस पल ने बिहार की खेल यात्रा में एक स्वर्ण अध्याय जोड़ दिया।
18 एकड़ में फैला बिहार का गर्व – Rajgir Stadium
Rajgir Stadium 18 एकड़ में फैला एक शानदार और अत्याधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है, जिसमें लगभग 40,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है। यह स्टेडियम बीसीसीआई के अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर तैयार किया गया है, जिससे आने वाले समय में बिहार अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कर सकेगा।

स्टेडियम की पिचें खास तकनीक से बनाई गई हैं — छह पिचें महाराष्ट्र की लाल मिट्टी से और सात पिचें मोकामा की काली मिट्टी से तैयार की गई हैं। इतना ही नहीं, बारिश के दौरान मैच को बाधित होने से बचाने के लिए इसमें एक अत्याधुनिक हाई-कैपेसिटी ड्रेनेज सिस्टम लगाया गया है, जिससे बारिश के तुरंत बाद खेल फिर से शुरू किया जा सकता है।
Rajgir Stadium का आधुनिक पवेलियन, वीवीआईपी स्टैंड, कोचिंग जोन और मीडिया गैलरी इसे किसी अंतर्राष्ट्रीय मैदान से कम नहीं बनाते। यह स्टेडियम बिहार की उस बदलती सोच का प्रतीक है जो अब “संघर्ष” नहीं बल्कि “सफलता” की पहचान बन रही है।
खिलाड़ियों के चेहरे पर मुस्कान – CM ने दिए 8 करोड़ रुपये और 87 नौकरियां
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की। “पदक लाओ, नौकरी पाओ” योजना के तहत इस साल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले 87 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई। इनमें 39 महिलाएं और 48 पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने 812 खिलाड़ियों के बीच लगभग ₹8 करोड़ की पुरस्कार राशि भी वितरित की। तीन प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को विशेष सम्मान मिला — शैलेश कुमार को ₹75 लाख, बॉबी कुमार को ₹35 लाख, और गोल्डी कुमारी को ₹10 लाख की राशि दी गई।
यह पहल न केवल खिलाड़ियों को सम्मानित करती है, बल्कि उन्हें यह भरोसा भी दिलाती है कि बिहार अब प्रतिभा को पहचानने और उसे आगे बढ़ाने में किसी से पीछे नहीं रहेगा।

बिहार में खेलों का स्वर्ण युग – Rajgir Stadium बना नई प्रेरणा का प्रतीक
Rajgir Stadium का उद्घाटन सिर्फ एक इमारत का शुभारंभ नहीं, बल्कि एक नई सोच का प्रतीक है — “अब बिहार का हर युवा खिलाड़ी अपने राज्य में ही बड़े सपने देख सकता है।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल खेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बिहार की दिशा में एक मजबूत कदम है।
अब बिहार के युवा खिलाड़ी अपने राज्य में ही अंतर्राष्ट्रीय सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे, जिससे उन्हें देश और दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतर मौका मिलेगा।
Rajgir Stadium सिर्फ ईंट और सीमेंट की संरचना नहीं, बल्कि यह उस जुनून का प्रतीक है जो हर खिलाड़ी के भीतर जलता है — सपनों को हकीकत में बदलने का जुनून।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई कीमतें, घोषणाएँ और नीतियाँ समय के साथ बदल सकती हैं। कृपया किसी भी आधिकारिक अपडेट या परिवर्तन के लिए बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से पुष्टि अवश्य करें।
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