विश्व राजनीति में हर साल Nobel Peace Prize 2025 का एलान दुनियाभर की निगाहें खींचता है। इस बार अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump को पुरस्कार के लिए नामांकित न किया जाना नई बहस और कूटनीतिक चर्चाओं का कारण बना है। सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नॉर्वे संभावित अंतरराष्ट्रीय दबाव और प्रतिक्रियाओं के लिए तैयार है।

Donald Trump and Nobel Peace Prize 2025 Snub
Donald Trump को इस साल Nobel Peace Prize 2025 के लिए शामिल नहीं किया गया। यह निर्णय वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बन गया। विशेषज्ञों और सोशल मीडिया यूजर्स का मानना है कि ट्रंप नाराज होकर अमेरिका के कूटनीतिक कदम उठा सकते हैं। जैसे टैरिफ बढ़ाना, NATO योगदान में वृद्धि, या नॉर्वे को विरोधी देश घोषित करना।
सोशल मीडिया पर कई लोग इसे ट्रंप के अधिकारों और अमेरिका के दबाव का संकेत मान रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “कैसे नोबेल समिति ने Chickening out President Trump को दौड़ से बाहर किया? अब नॉर्वे पर Tariff अजेय होगा।”
Nobel Peace Prize Selection Process
Nobel Peace Prize 2025 अल्फ्रेड नोबेल की 1895 की वसीयत पर आधारित है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रों के बीच सहयोग, स्थायी शांति और हथियारों में कमी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।
हर साल जनवरी 31 तक नामांकन किए जाते हैं। समिति महीने भर समीक्षा करती है, विशेषज्ञों की रिपोर्ट लेती है और बहुमत या सहमति के आधार पर विजेता का चयन करती है।
Donald Trump’s Peace Efforts
ट्रंप को कई नेताओं ने नामांकित किया, जैसे माल्टा के विदेश मंत्री। उनका दावा था कि ट्रंप ने मध्य पूर्व में समझौते कराए, आर्मेनिया-अज़रबैजान विवाद शांत किया और भारत-पाकिस्तान के तनाव को कम करने की कोशिश की। इसके अलावा उन्होंने थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष और रवांडा-देमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में शांति प्रयासों का भी जिक्र किया।

लेकिन Nobel Peace Prize केवल तात्कालिक प्रयासों पर नहीं, बल्कि sustained peace efforts और दीर्घकालिक योगदान पर आधारित होता है।
Global Reaction to Donald Trump Nobel Snub
ट्रंप की अनदेखी ने न केवल नॉर्वे की कूटनीति पर सवाल खड़े किए, बल्कि यह भी दिखाया कि Nobel Peace Prize सिर्फ घोषणा या प्रचार से नहीं मिलता। दुनिया अब ट्रंप की संभावित प्रतिक्रिया और अमेरिका-नॉर्वे संबंधों पर नजर रख रही है।
सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट्स में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस फैसले के बाद ट्रंप की प्रतिक्रियाओं से अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य प्रभावित हो सकता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्टों और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। यह केवल सूचना और विश्लेषण के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें व्यक्त विचार लेखक के निजी दृष्टिकोण पर आधारित हैं और नोबेल समिति या संबंधित सरकारी संस्थाओं की आधिकारिक पुष्टि नहीं हैं।
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