करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के प्रेम, विश्वास और आस्था का सबसे सुंदर प्रतीक माना जाता है। हर साल की तरह 2025 में भी यह पावन व्रत देशभर में पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है।
यह दिन हर विवाहित महिला के लिए विशेष होता है क्योंकि वह अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला उपवास रखती है। यह उपवास न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि पति-पत्नी के बीच के भावनात्मक बंधन को भी और गहरा करता है। Happy Karwa Chauth
करवा चौथ 2025 के शुभ संयोग
इस वर्ष का करवा चौथ अत्यंत शुभ माना जा रहा है क्योंकि इस दिन सिद्धि योग और शिववास योग जैसे दो महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं। इन दोनों योगों में किया गया व्रत और पूजा कई गुना फलदायी मानी जाती है। इस पवित्र दिन चंद्रमा की पूजा से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। Happy Karwa Chauth

व्रत का महत्व और धार्मिक मान्यता
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह से ही स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करती हैं और दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं। शाम के समय सोलह श्रृंगार के साथ मां गौरी, भगवान शिव और गणेशजी की पूजा की जाती है।
रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। यह व्रत न केवल पति की लंबी उम्र का प्रतीक है, बल्कि स्त्री की श्रद्धा, प्रेम और त्याग का पावन रूप भी है। Happy Karwa Chauth
करवा और सींक का आध्यात्मिक महत्व
करवा चौथ की पूजा में प्रयोग होने वाला करवा (मिट्टी या पीतल का पात्र) और सींक शक्ति और ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं। करवा का संबंध भगवान गणेश से जोड़ा गया है, जो विघ्नहर्ता और मंगलदाता हैं।
पूजा के दौरान करवे में जल भरकर टोटी में कांस की सींक लगाई जाती है, जो शक्ति, नारीत्व और मंगलकामना का प्रतीक है। इस परंपरा से करवा चौथ का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। Happy Karwa Chauth
चंद्रोदय का समय और शुभ मुहूर्त
इस बार करवा चौथ की पूजा और चंद्र दर्शन के समय विशेष शुभता लिए हुए हैं—
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 9 अक्टूबर, रात 10:54 बजे से
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर, शाम 7:38 बजे तक
- पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:46 बजे से 7:03 बजे तक
- चंद्रोदय का समय: रात 8:11 बजे (स्थानीय समयानुसार अंतर संभव)
- राहुकाल: सुबह 10:40 बजे से 12:07 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: 11:44 बजे से 12:30 बजे तक
इन शुभ समयों में पूजा करना अत्यंत मंगलकारी माना गया है। महिलाएं छलनी से चंद्रमा के दर्शन कर अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं।

अविवाहित कन्याओं के लिए भी विशेष महत्व
करवा चौथ का व्रत केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं है। अविवाहित कन्याएं भी यह व्रत मनचाहा जीवनसाथी पाने और अपने उज्जवल भविष्य की कामना के लिए रखती हैं। यह व्रत नारी की आस्था, पवित्रता और शक्ति का सजीव उदाहरण है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभ फल लेकर आता है।
शुभकामनाएं और मंगलभावना
करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि हर स्त्री के प्रेम, त्याग और समर्पण की अद्भुत मिसाल है। इस दिन हर सुहागन की आंखों में उम्मीद की चमक होती है और हृदय में अपने जीवनसाथी के लिए अपार प्रेम। मां करवा का आशीर्वाद सभी दांपत्य जीवन में सुख, समृद्धि और अटल प्रेम का संचार करे।
करवा रानी करवा ले, सुघड़ सुहागन करवा ले,
बना रहे अमर सुहाग हमारा, मां करवा का आशीष रहे।
Happy Karwa Chauth
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, पौराणिक कथाओं और परंपराओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे आस्था और श्रद्धा के भाव से ग्रहण करें।
यह भी पढ़ें: करवाचौथ 2025: चांद दिखने से पहले ज़रूर जानें यह खास बात, वरना अधूरा रह जाएगा सुहाग का पर्व