दिल हमारी जिंदगी का केंद्र है। जब किसी को हार्ट अटैक होता है, तो यह सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि दिमाग और आत्मा को भी हिला देता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि अस्पताल से छुट्टी मिलते ही सब कुछ सामान्य हो गया
लेकिन सच यही है कि असली जंग तो उसके बाद शुरू होती है। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक के बाद के पहले 90 दिन ही असली “गोल्डन टाइम” होते हैं, जो आपकी पूरी रिकवरी और आने वाले जीवन की दिशा तय करते हैं।
World Heart Day और रिकवरी की अहमियत
हर साल 29 सितंबर को World Heart Day मनाया जाता है, ताकि हम दिल की सेहत के महत्व को याद रख सकें। इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टर मानते हैं कि हार्ट अटैक के बाद शुरुआती 90 दिन बेहद खास होते हैं। इस दौरान सही इलाज और जीवनशैली अपनाने से दोबारा हार्ट अटैक का खतरा लगभग 25–30% तक कम किया जा सकता है।

Heart Attack Recovery After 90 Days में डॉक्टर से जुड़ाव
अस्पताल से घर लौटना सफर की शुरुआत है, अंत नहीं। World Heart Day हमें यही सिखाता है कि दिल की देखभाल निरंतर होनी चाहिए। नियमित डॉक्टर से चेकअप, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच, और दवाइयों को समय पर लेना बेहद जरूरी है। अगर मरीज इस आदत को अपनाते हैं, तो न सिर्फ शरीर बल्कि आत्मविश्वास भी मजबूत होता है।
कार्डियक रीहैब: नई जिंदगी की ओर कदम
हार्ट अटैक के बाद कार्डियक रीहैब सबसे अहम कदम माना जाता है। इसमें डॉक्टर की देखरेख में हल्का व्यायाम, काउंसलिंग और डाइट मैनेजमेंट शामिल होते हैं। यह प्रोग्राम करीब 12 हफ्ते चलता है और मरीज को सुरक्षित तरीके से सामान्य जीवन में लौटने में मदद करता है। यही संदेश World Heart Day पर भी दिया जाता है कि सही गाइडेंस और हेल्दी लाइफस्टाइल से नई जिंदगी पाई जा सकती है।
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सही खानपान ही असली दवा
दिल की सेहत का गहरा रिश्ता खाने से है। मेडिटेरेनियन डाइट या DASH डाइट जिसमें ताजी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, मछली और नट्स शामिल हों, सबसे बेहतर मानी जाती है। वहीं, नमक, चीनी और प्रोसेस्ड फूड से दूरी जरूरी है। World Heart Day पर विशेषज्ञ हमेशा यही कहते हैं कि अच्छा खाना ही लंबी और स्वस्थ जिंदगी की कुंजी है।
हल्की एक्सरसाइज से बढ़ेगा आत्मविश्वास
हार्ट अटैक के बाद कई लोग डर की वजह से एक्सरसाइज से दूर हो जाते हैं। लेकिन धीरे-धीरे हल्की वॉक, स्ट्रेचिंग या सीढ़ियां चढ़ने से शुरुआत करना सबसे सही है। जैसे-जैसे शरीर की ताकत लौटती है, व्यायाम को धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है। इस सफर में सबसे जरूरी है कि मरीज अपने शरीर की सुनें।
मानसिक और भावनात्मक मजबूती

हार्ट अटैक सिर्फ शरीर नहीं, मन पर भी असर डालता है। चिंता, डर और अवसाद इस दौरान आम हैं। योग, मेडिटेशन और काउंसलिंग मन को मजबूत बनाने का सबसे असरदार तरीका है। परिवार का सहयोग और प्यार मरीज के लिए दवा से भी ज्यादा असरदार साबित होता है।
90 दिन बाद नई शुरुआत
तीन महीने पूरे होना रिकवरी का अंत नहीं है, बल्कि नई जिंदगी की शुरुआत है। अगर इन 90 दिनों में सही आदतें बना ली जाएं—जैसे दवा समय पर लेना, हेल्दी डाइट अपनाना, एक्सरसाइज करना और तनाव को नियंत्रित करना—तो आगे का जीवन न सिर्फ लंबा बल्कि और भी स्वस्थ हो सकता है। यही असली संदेश है जो World Heart Day पूरी दुनिया को देता है।
QnA (FAQ)
हार्ट अटैक के बाद पहले 90 दिन क्यों जरूरी हैं?
पहले 90 दिन दिल की मांसपेशियों के ठीक होने और दोबारा अटैक से बचने के लिए सबसे अहम होते हैं।
क्या हार्ट अटैक के बाद एक्सरसाइज कर सकते हैं?
हाँ, लेकिन हल्की वॉक या स्ट्रेचिंग से शुरुआत करनी चाहिए और यह सब डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
हार्ट अटैक के बाद क्या खाना चाहिए?
फल, सब्जियां, दालें, नट्स और साबुत अनाज खाना चाहिए। नमक, चीनी और तैलीय भोजन से परहेज करें।
क्या तनाव रिकवरी को प्रभावित करता है?
हाँ, ज्यादा तनाव और अवसाद रिकवरी को धीमा कर देते हैं। योग और मेडिटेशन इसमें मददगार होते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार के इलाज या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।