सात शतक, सात मैदान – यशस्वी जायसवाल ने फिर दिखाया जादू, जानिए कैसे!

By: Subodh Shah

On: Friday, October 10, 2025 3:51 PM

India vs West Indies

यशस्वी जायसवाल में एक अद्भुत धैर्य और लगन है। हर नया मैदान उनके लिए सिर्फ खेल का मैदान नहीं, बल्कि खुद को साबित करने का मंच बन जाता है। हाल ही में दिल्ली के मैदान में India vs West Indies के दूसरे टेस्ट के पहले दिन शतक जड़कर, 23 वर्षीय ओपनर ने यह साबित कर दिया कि वह हर परिस्थिति में खुद को ढाल सकते हैं।

इस शतक के साथ यशस्वी ने सात अलग-अलग स्टेडियमों में सात टेस्ट शतक लगाने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है, जो उनके निरंतर प्रदर्शन और तकनीकी कौशल का प्रतीक है।

डेब्यू से दिल्ली तक – सात शतकों की कहानी

यशस्वी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम 2023 में डोमिनिका के रोजो से रखा। अपने डेब्यू मैच में उन्होंने India vs West Indies में 171 रन की शानदार पारी खेली, जो आठ घंटे से अधिक समय तक चली। यह पारी सिर्फ रन बनाने की नहीं थी, बल्कि उनके धैर्य, मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास का प्रमाण थी।

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इसके बाद इंग्लैंड के लीसेड्स और ओवल स्टेडियम में उनके शतक ने दिखाया कि वह अलग-अलग परिस्थितियों में खुद को सहज रूप से ढाल सकते हैं। हर पारी ने उनके तकनीकी कौशल और खेल की समझ को और मजबूत किया।

हर पिच पर एक समान फोकस

दिल्ली में उनका सातवां शतक 145 गेंदों में 16 चौकों के साथ आया, जिसमें क्लासिकल कवर ड्राइव और सटीक कट शामिल थे। India vs West Indies के इस मैच में यह साबित हुआ कि चाहे पिच कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो, यशस्वी का खेल हमेशा सटीक और संतुलित रहता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी ताकत स्पष्ट सोच है – कब संयम से खेलना है, कब आक्रामक होना है और कब गति बढ़ानी है। अहमदाबाद टेस्ट में जहाँ उन्होंने केवल 36 रन बनाए, वहीं दिल्ली मैच से पहले दो दिन की मेहनत ने उनके आत्मविश्वास और सीखने की भूख को और प्रबल किया।

टीम इंडिया पर असर

यशस्वी के प्रत्येक शतक ने मैच का रुख बदल दिया। रोजो में उनका डेब्यू शतक टीम इंडिया को बड़ी जीत दिलाने में सहायक रहा। इंग्लैंड के खिलाफ उनके शतक ने कठिन परिस्थितियों में टीम को स्थिरता दी। और India vs West Indies के दिल्ली मैच में उनका शतक टीम को शुरुआती नियंत्रण दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

उनकी ओपनिंग हमेशा मध्यक्रम पर दबाव कम करती है और पारी की गति नियंत्रित करती है। केवल दो साल में सात शतक और बारह अर्धशतक उनके निरंतर प्रदर्शन और टेस्ट क्रिकेट में सामंजस्य दिखाते हैं।

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आगे का सफर

यशस्वी की यह यात्रा अभी जारी है। सात शतक, सात मैदान केवल आंकड़े नहीं हैं; यह उनके विकास, तकनीकी कौशल और इरादों की कहानी है। चाहे कैरिबियन हो, इंग्लैंड हो या भारत, यह लेफ्ट-हैंडर हर चुनौती के अनुसार अपने खेल को ढालने में सक्षम हैं।

India vs West Indies में उनकी उपलब्धियां टीम इंडिया के लिए नई उम्मीद और ताकत का प्रतीक हैं। भविष्य में उनके साहस, धैर्य और तकनीक भारतीय क्रिकेट के लिए नए कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और विश्लेषण के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें व्यक्त विचार लेखक के निजी दृष्टिकोण पर आधारित हैं और आधिकारिक टीम या बोर्ड की घोषणा नहीं हैं।

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