Navratri Day 9: जानें महानवमी की सही तारीख, माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि और चमत्कारी महत्व

By: Subodh Shah

On: Wednesday, October 1, 2025 6:41 AM

Navratri Day 9:

नवरात्रि 2025 का नवम दिन: महानवमी पर माँ सिद्धिदात्री की आराधना

Navratri Day 9 नवरात्रि का पावन पर्व जब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ता है तो भक्ति और आस्था का वातावरण और भी गहराने लगता है। नौ दिनों तक माँ दुर्गा की साधना और आराधना करने के बाद महानवमी का दिन विशेष महत्व लेकर आता है।

यह तिथि माँ सिद्धिदात्री को समर्पित होती है, जिन्हें सभी सिद्धियों की दात्री माना जाता है। इस दिन भक्त अपनी तपस्या और उपवास का समापन करते हुए माँ से जीवन में सुख, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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Navratri Day 9

Navratri Day 9 महानवमी 2025 की तिथि और शुभ समय

महानवमी इस बार 1 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।

  • नवमी तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025, शाम 6:06 बजे
  • नवमी तिथि समाप्त: 1 अक्टूबर 2025, शाम 7:01 बजे

माँ सिद्धिदात्री का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माँ सिद्धिदात्री नवमी तिथि के दिन प्रकट हुई थीं। उन्होंने देवताओं और ऋषियों को सिद्धियाँ प्रदान कर उन्हें यह भरोसा दिलाया कि माँ दुर्गा हर कठिन परिस्थिति में उनकी रक्षा करेंगी। माँ का यह स्वरूप भक्तों को आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है। श्रद्धापूर्वक की गई पूजा से जीवन में खुशहाली, सफलता और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

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महानवमी की पूजा और परंपरा

महानवमी के दिन प्रातःकाल स्नान कर घर को शुद्ध किया जाता है। इसके बाद माँ सिद्धिदात्री को पूरी, चने और सूजी के हलवे का भोग अर्पित किया जाता है। इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान कन्या पूजन है। भक्त नौ छोटी कन्याओं और एक बालक को घर आमंत्रित करते हैं। उनके चरण धोकर, माथे पर तिलक लगाकर और हाथों में मौली बाँधकर उनका सम्मान किया जाता है।

फिर उन्हें स्वादिष्ट भोजन और उपहार भेंट किए जाते हैं। माना जाता है कि इन बालिकाओं में स्वयं माँ दुर्गा का वास होता है और उनका आशीर्वाद जीवन में हर प्रकार की बाधाओं को दूर कर देता है।

इस दिन एक विशेष परंपरा नारियल फोड़ने की भी होती है। यह वही नारियल होता है जो पूरे नौ दिनों की साधना के दौरान देवी को अर्पित किया जाता है। पूजा संपन्न होने के बाद यही नारियल प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है।

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Navratri Day 9

Navratri Day 9 महानवमी का रंग और भोग

इस वर्ष महानवमी का प्रतिनिधि रंग गुलाबी (पिंक) माना गया है। यह रंग प्रेम, करुणा और मधुरता का प्रतीक है। माँ को गुलाबी रंग के फूल अर्पित करना और गुलाबी वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। भोग के रूप में माँ को पूरी, काले चने और हलवे का प्रसाद अर्पित कर भक्त इसे परिवार और कन्याओं में बांटते हैं।

Navratri Day 9 माँ सिद्धिदात्री के मंत्र

भक्त महानवमी के दिन विशेष मंत्रों का जाप कर माँ को प्रसन्न करते हैं।

  • “ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥”
  • “सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयभ्यस्त्राहि नो देवी दुर्गे देवि नमोऽस्तुते॥”

Navratri Day 9 महानवमी का आध्यात्मिक संदेश

महानवमी केवल अनुष्ठानों का दिन नहीं है, बल्कि यह साधना के पूर्ण होने का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि सच्चे मन से की गई भक्ति और सेवा का फल अवश्य मिलता है। माँ सिद्धिदात्री की पूजा से न सिर्फ सांसारिक इच्छाएँ पूरी होती हैं, बल्कि हृदय में शांति, आत्मबल और दिव्यता का संचार भी होता है।

अस्वीकरण: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। विभिन्न क्षेत्रों में पूजा की विधियाँ भिन्न हो सकती हैं। पाठकों से निवेदन है कि वे अपने व्यक्तिगत विश्वास और स्थानीय परंपराओं के अनुसार ही पूजा-अर्चना करें।

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Subodh Shah

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