जितिया व्रत 2025 की शुरुआत 13 सितंबर को नहाय-खाय से होगी। महिलाएँ शुद्ध आहार लेकर व्रत की तैयारी प्रारंभ करें।

14 सितंबर को निर्जला उपवास रखा जाएगा। महिलाएँ पूरे दिन बिना जल-अन्न ग्रहण किए संतान की लंबी आयु हेतु प्रार्थना करें।

15 सितंबर की सुबह पारण होगा। सूर्योदय के बाद व्रती महिलाएँ पूजन सम्पन्न कर फलाहार और सात्विक भोजन ग्रहण करेंगी।

यह व्रत अश्विन मास की कृष्णपक्ष अष्टमी को होता है। मान्यता है कि इससे संतान का स्वास्थ्य और जीवन सुरक्षित रहता है।

पूजन विधि में जीमूतवाहन कथा श्रवण, दीप प्रज्वलन, तुलसी पूजन और संकल्प विशेष महत्व रखते हैं। श्रद्धापूर्वक नियमों का पालन करें।